स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट इन फिगर्स 2025
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट इन फिगर्स 2025

Mon 09 Jun, 2025

संदर्भ :

  • सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) और डाउन टू अर्थ (DTE) ने संयुक्‍त रूप से स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट इन फिगर्स 2025 रिपोर्ट जारी की है।

उद्देश्य:

  • भारत की पर्यावरणीय, जलवायु, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का डेटा-संचालित विश्लेषण

कार्यप्रणाली:

  • 48 संकेतकों पर आधारित, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का विश्लेषण

मुख्‍य बिन्‍दु :

1. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग (48 संकेतकों पर) : 

  • आंध्र प्रदेश: वन और जैवविविधता संरक्षण में शीर्ष, लेकिन सीवेज उपचार और नदी प्रदूषण नियंत्रण में कमजोर
  • सिक्किम: जैविक खेती और भूमि उपयोग में अग्रणी, लेकिन किसान कल्याण में पिछड़ा
  • गोवा: सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में अच्छा प्रदर्शन, परंतु अस्पताल बिस्तरों की कमी और महिला श्रम भागीदारी में कमजोरी
  • उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल: ये बड़े राज्य सभी श्रेणियों में निचले स्थान पर, जो पर्यावरण प्रबंधन, कृषि और सार्वजनिक स्वास्थ्य में व्यापक चुनौतियों को दर्शाते हैं

2. जलवायु परिवर्तन और मौसम की चरम घटनाएँ : 

  • 2024 भारत का रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष रहा, 25 राज्यों में 123 वर्षों में सबसे अधिक मासिक वर्षा दर्ज हुई
  • 2024 में लगभग 3,500 लोगों की मौतें चरम मौसम घटनाओं (बाढ़, लू, भूस्खलन आदि) से हुईं
  • 2024 में 4.07 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा, जो पिछले 3 वर्षों में सबसे अधिक है
  • 2024 में जलवायु आपदाओं के कारण 5.44 मिलियन आंतरिक विस्थापन हुए।

3. वन भूमि डायवर्जन और जैव विविधता: 

  • 2023-24 में गैर-वनीय गतिविधियों के लिए 29,000 हेक्टेयर वन भूमि डायवर्ट की गई, जो एक दशक में सबसे अधिक है और पिछले वर्ष की तुलना में 66% अधिक
  • 2014-15 से 2023-24 के बीच कुल 1,73,397 हेक्टेयर वन भूमि का डायवर्जन हुआ, जो हरियाणा के कुल वन क्षेत्र से भी अधिक है
  • डायवर्जन मुख्यतः सड़क, खनन, बिजली, सिंचाई, रेलवे और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए हुआ
  • वन डायवर्जन के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष (जैसे हाथी-मानव संघर्ष) में वृद्धि देखी गई।

4. जल संकट और भूजल दोहन : 

  • 16 राज्य अत्यधिक भूजल दोहन कर रहे हैं, जिससे भविष्य में जल संकट गहराने की आशंका है
  • सतही और भूजल दोनों की गुणवत्ता चिंताजनक स्थिति में है।

5. ऊर्जा और मत्स्य उत्पादन : 

  • थर्मल ऊर्जा उत्पादन 2013-14 में 7,92,053 GWh से 2023-24 में 13,26,549 GWh तक बढ़ा
  • नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 2013-14 में 65,520 GWh से 2023-24 में 2,25,835 GWh तक पहुँचा, यानी तीन गुना वृद्धि
  • आंतरिक मत्स्य उत्पादन 2013-14 में 61.36 लाख टन से 2023-24 में 139.07 लाख टन हो गया।

6. ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन :

  • भारत का वैश्विक GHG उत्सर्जन में योगदान 2023 में 7.8% रहा, जो 1970 के बाद सबसे अधिक है।

7. कचरा प्रबंधन और प्रदूषण : 

  • प्लास्टिक प्रदूषण भारत सहित विश्व के लिए बड़ा आर्थिक और पर्यावरणीय बोझ है, जिसकी वार्षिक लागत 300-600 बिलियन डॉलर आंकी गई है
  • कचरा प्रबंधन, वायु और जल प्रदूषण के आंकड़े चिंताजनक हैं।

 

Latest Courses