20 May, 2025
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व के विस्तार को मंजूरी
Sun 08 Jun, 2025
संदर्भ :
- असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व के विस्तार को मंजूरी दी।
मुख्य बिन्दु :
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का छठा विस्तार: 47,306.33 हेक्टेयर क्षेत्र जोड़ा जाएगा
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के छठे विस्तार के तहत 47,306.33 हेक्टेयर क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र में शामिल किया जाएगा।
- इस विस्तार का उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण को सुदृढ़ करना और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना है।
विस्तार योजना से बाहर रखे गए 10 गांव:
इस योजना में स्थानीय समुदायों को ध्यान में रखते हुए 10 गांवों को विस्तार क्षेत्र से बाहर रखा गया है, जो इस प्रकार हैं—
- बालीगांव
- बिश्वनाथ घाट
- गखिरखैते
- गोनैतापु
- गोपाल जारानी
- हातिमुरा
- जोबरे
- सिलघाट
- थुटे चापोरी
- उमाटामोनी
विस्तार का महत्व :
जैव विविधता संरक्षण:
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। विस्तार से इनकी सुरक्षा, आवास क्षेत्र और भोजन की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे उनकी आबादी को स्थायित्व मिलेगा।
अन्य वन्यजीवों को लाभ:
- पार्क में बाघ, हाथी, जंगली भैंस, दलदली हिरण, और कई अन्य स्तनधारी, पक्षी व सरीसृप प्रजातियाँ पाई जाती हैं। विस्तार से इन सभी प्रजातियों के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल पर्यावास उपलब्ध होगा।
बाढ़ और मानवीय दबाव से राहत:
- काजीरंगा क्षेत्र हर साल भारी बाढ़ का सामना करता है। विस्तार से वन्यजीवों को सुरक्षित गलियारे और ऊंचे क्षेत्र मिलेंगे, जिससे वे बाढ़ के समय सुरक्षित स्थानों तक पहुंच सकेंगे।
इको-टूरिज्म और स्थानीय विकास:
- पार्क के विस्तार से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान:
- अवस्थिति : असम राज्य के गोलाघाट और नागांव जिलों में
- यह पूर्वी हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट का एक हिस्सा है ।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 37 यहाँ से होकर गुजरता है।
- भौगोलिक स्थिति: यह उद्यान ब्रह्मपुत्र नदी और कार्बी (मिकिर) पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह उद्यान लगभग 430 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है
- राष्ट्रीय उद्यान घोषित : 1974
- टाइगर रिज़र्व घोषित : 2007
- यूनेस्को की विश्व धरोहर घोषित : 1985
- बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है
- काजीरंगा विश्व के लगभग 2/3 भारतीय एक सींग वाले गैंडों का घर है ।
नदी तंत्र :
- ब्रह्मपुत्र नदी: पार्क की उत्तरी सीमा से होकर बहती है।
- अन्य नदियाँ: डिफ्लू नदी, मोरा डिफ्लू नदी, मोरा धनसिरी नदी
वनस्पति:
- इसमें 4 मुख्य वनस्पति प्रकार शामिल हैं : जलोढ़ जलमग्न घास के मैदान, जलोढ़ सवाना वन, उष्णकटिबंधीय नम मिश्रित पर्णपाती वन, और उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाबहार वन
- प्रवासी प्रजातियों सहित पक्षियों की 57 प्रजातियों वाला महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र ।
- समृद्ध जैव विविधता, जिसमें चीतल, भारतीय मुंटजैक, जंगली सूअर और हॉग हिरण
- की महत्वपूर्ण आबादी शामिल है ।