अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की 81वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) का आयोजन
 
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अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की 81वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) का आयोजन

Tue 03 Jun, 2025

संदर्भ :

  • अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की 81वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) का आयोजन 1 से 3 जून 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में किया गया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

भारत में 42 वर्षों बाद पहली बार IATA AGM की मेजबानी थी, पिछली बार यह आयोजन 1983 में हुआ था।

आयोजन का महत्व और प्रमुख तथ्य :

  • इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वैश्विक विमानन उद्योग के लगभग 1700 प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें एयरलाइंस के CEOs, सरकारी अधिकारी, विमानन नियामक और अंतरराष्ट्रीय मीडिया शामिल थे।
  • भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने इस आयोजन की मेजबानी की।
  • IATA AGM और WATS का उद्देश्य विमानन उद्योग के सामने आ रहे आर्थिक, भू-राजनीतिक और पर्यावरणीय चुनौतियों पर चर्चा करना था।

भारत की विमानन महत्वाकांक्षा और प्रधानमंत्री का संबोधन :

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जून को इस सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत को वैश्विक विमानन और नवाचार का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
  • उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में हवाई यात्रियों की संख्या लगभग 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो वर्तमान 24 करोड़ से दोगुनी होगी।
  • मोदी ने भारत को वैश्विक विमानन निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बताया और MRO (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) क्षेत्र को एक उभरता हुआ 'सूर्योदय क्षेत्र' करार दिया, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत को विश्व का MRO हब बनाना है।

उद्योग की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां :

  • IATA के निदेशक जनरल विली वाल्श ने वैश्विक एयरलाइन उद्योग के 2025 के लिए 36 अरब डॉलर के लाभ का अनुमान लगाया, जो आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट के बावजूद मजबूत परिणाम माना गया।
  • उन्होंने नए कर, बढ़ती शुल्क, मांग में झटके या कड़े नियमों को उद्योग के लिए जोखिम बताया, जो विमानन क्षेत्र की सहनशीलता को चुनौती दे सकते हैं।
  • भारत के कर ढांचे को जटिल बताते हुए उन्होंने अधिक स्पष्टता की आवश्यकता पर बल दिया।

विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) के विषय :

  • WATS में विमानन उद्योग के वित्तीय परिदृश्य, भारत की आर्थिक विकास में विमानन की भूमिका, ऊर्जा सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) के उत्पादन, विमानन के नेट जीरो उत्सर्जन के लिए वित्तपोषण, वैश्विक कर परिदृश्य, भुगतान लागत और नवाचार जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
  • सम्मेलन में IATA की 25by2025 पहल के तहत लिंग संतुलन को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करने वाले विविधता और समावेशन पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

भारत के लिए अवसर :

  • इस आयोजन ने भारत के विमानन क्षेत्र की तेजी से हो रही आधुनिकीकरण और विस्तार को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया, जिससे निवेश, तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिला।
  • भारत के विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 3.7 लाख लोग कार्यरत हैं, जो कुल मिलाकर 7.7 मिलियन नौकरियों और 53.6 बिलियन डॉलर (लगभग 1.5% GDP) के आर्थिक योगदान के साथ जुड़ा है।

 

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) 

  • IATA की स्थापना अप्रैल 1945 में क्यूबा की राजधानी हवाना में हुई थी।
  • यह संगठन 1944 के शिकागो कन्वेंशन के तहत स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन के विकास को बढ़ावा देना है।
  • IATA, पूर्व में इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक एसोसिएशन के नाम से जाना जाता था।
  • यह 1919 में स्थापित पूर्ववर्ती संगठन का उत्तराधिकारी है, जो मुख्य रूप से यूरोप की एयरलाइनों का समूह था।
  • इसका मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में स्थित है, जबकि इसका एक कार्यकारी कार्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है।
  • IATA का मुख्य उद्देश्य वायुसेवा उद्योग की सेवा और विकास को बढ़ावा देना है।
  • यह एयरलाइनों के बीच सहयोग, मानकों का निर्धारण, सुरक्षा, दक्षता और आर्थिक नीतियों के निर्माण में मदद करता है।
  • इसके अलावा, यह विमान किराया निर्धारण, सेवा सामग्री, विमानन प्रौद्योगिकी, और अन्य संबंधित मामलों में भी भूमिका निभाता है।
  • IATA नियमित रूप से यात्रियों और कार्गो के लिए बैठकें आयोजित करता है, साथ ही मुद्रा, ईंधन, और कर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष बैठकें भी बुलाता है।
  • यह संगठन विमानक्षेत्र कोड (IATA कोड) भी जारी करता है, जो विश्व के सभी प्रमुख हवाई अड्डों और कुछ रेलवे स्टेशनों के लिए त्रि-अक्षरीय कोड होते हैं, जिनका उपयोग बैगेज टैग और टिकटिंग में होता है।
  • भारत की प्रमुख एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, इंडिगो, और विस्तारा IATA की सदस्य हैं।
  • IATA भारत में नागरिक उड्डयन के डिजिटलीकरण, सुरक्षा, और हरित विमानन नीतियों के विकास में सहयोग करता है।

 

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