20 May, 2025
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का FDI इनफ्लो रिकॉर्ड में बढ़ोतरी
Wed 28 May, 2025
संदर्भ :
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, देश में FDI इनफ्लो में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
मुख्य बिन्दु :
- सरकार ने निवेशकों के अनुकूल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत अधिकांश सेक्टर स्वचालित तरीके से 100% FDI के लिए खुले हैं।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत एक आकर्षक और प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बना रहे, इस नीति की निरंतर समीक्षा की जाती है।
- इसके चलते, FDI इनफ्लो में लगातार बढ़ोतरी देखी गई।
FDI प्रवाह में वृद्धि :
- 2013-14: 36.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर
- 2024-25: 81.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर (14% वृद्धि)
- पिछले 11 वर्ष (2014-25): 748.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर (143% वृद्धि)
क्षेत्रीय योगदान :
- सर्विसेज सेक्टर: 19% (9.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 40.77% वृद्धि)
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर: 16%
- ट्रेडिंग: 8%
- विनिर्माण क्षेत्र: 19.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर (18% वृद्धि)
राज्यों का योगदान :
- महाराष्ट्र: 39%
- कर्नाटक: 13%
- दिल्ली: 12%
स्रोत देश :
- सिंगापुर: 30%
- मॉरीशस: 17%
- संयुक्त राज्य अमेरिका: 11%
- स्रोत देशों की संख्या: 89 (2013-14) से 112 (2024-25)
नीतिगत सुधार :
- 2014-2019: रक्षा, बीमा, पेंशन में सीमा वृद्धि
- 2019-2024: कोयला खनन, अनुबंध निर्माण में 100% एफडीआई
- 2025: बीमा में 74% से 100% एफडीआई प्रस्ताव
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) :
- वह निवेश है जिसमें एक देश की कंपनी या व्यक्ति किसी दूसरे देश में किसी कंपनी या व्यावसायिक इकाई में पूंजी लगाता है और उसके प्रबंधन में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी (आमतौर पर कम से कम 10% शेयर) प्राप्त करता है।
FDI के प्रकार :
- ग्रीनफील्ड निवेश: विदेशी कंपनी किसी नए देश में नया व्यवसाय या परियोजना शुरू करती है, जैसे कारखाना या कार्यालय स्थापित करना।
- ब्राउनफील्ड निवेश: विदेशी कंपनी किसी मौजूदा स्थानीय कंपनी में हिस्सेदारी खरीदती है या उसका अधिग्रहण करती है।
- संयुक्त उद्यम: विदेशी और स्थानीय कंपनी मिलकर व्यवसाय शुरू करती हैं।
- पुनर्निवेश: विदेशी कंपनी द्वारा अर्जित मुनाफे को उसी देश में पुनर्निवेश करना।
भारत में FDI की नीति :
भारत सरकार ने निवेशकों के अनुकूल नीतियाँ लागू की हैं:
- स्वचालित मार्ग: कई क्षेत्रों में 100% FDI बिना सरकारी मंजूरी के अनुमति है, जैसे विनिर्माण, आईटी, और ई-कॉमर्स।
- सरकारी मार्ग: कुछ क्षेत्रों जैसे रक्षा, बीमा, और मीडिया में FDI के लिए सरकारी मंजूरी आवश्यक होती है।
- निषिद्ध क्षेत्र: कुछ क्षेत्रों जैसे लॉटरी, जुआ, और परमाणु ऊर्जा में FDI पूरी तरह प्रतिबंधित है।
FDI के लाभ :
- आर्थिक विकास: पूँजी प्रवाह से बुनियादी ढांचा और उद्योगों का विकास होता है।
- रोजगार सृजन: नई परियोजनाएँ और व्यवसाय रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं।
- तकनीकी हस्तांतरण: विदेशी कंपनियाँ उन्नत तकनीक और प्रबंधन प्रथाएँ लाती हैं।
- वैश्विक एकीकरण: FDI वैश्विक व्यापार और निवेश नेटवर्क में भारत की भागीदारी बढ़ाता है।