रिपोर्ट :"मध्यम उद्यमों के लिए नीति की रूपरेखा तैयार करना" - नीति आयोग
 
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रिपोर्ट :"मध्यम उद्यमों के लिए नीति की रूपरेखा तैयार करना" - नीति आयोग

Tue 27 May, 2025

संदर्भ :

  • नीति आयोग ने 26 मई 2025 को नई दिल्ली में "मध्यम उद्यमों के लिए नीति की रूपरेखा तैयार करना" (Designing a Policy for Medium Enterprises) शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है।
  • इस रिपोर्ट में मध्यम उद्यमों (Medium Enterprises) को भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के विकास इंजन के रूप में स्थापित करने के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत किया गया है।
  • यह रिपोर्ट विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण के तहत मध्यम उद्यमों की केंद्रीय भूमिका पर जोर देती है।
  • रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत और नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी की उपस्थिति में जारी की ।

प्रमुख बिंदु:

  • यह रिपोर्ट सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र,MSME सेक्टर, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 29 प्रतिशत का योगदान देता है, निर्यात में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है और 60 प्रतिशत से अधिक कार्यबल को रोजगार देता है में संरचनात्मक विषमता पर गहन चर्चा करती है।
  • अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, इस क्षेत्र की संरचना असंगत रूप से विषम है: पंजीकृत एमएसएमई में से 97 प्रतिशत सूक्ष्म उद्यम हैं, 2.7 प्रतिशत लघु उद्यम हैं और केवल 0.3 प्रतिशत मध्यम उद्यम हैं।

मध्यम उद्यमों का महत्व:

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्यम उद्यम, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) का केवल 0.3% हैं, भारत के MSME निर्यात में 40% का योगदान करते हैं।
  • ये उद्यम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये रोजगार सृजन, नवाचार और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं।

प्रस्तावित सुधार:

नीति आयोग ने मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए छह प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव रखा है:

  1. अनुकूलित वित्तीय समाधान: उद्यम टर्नओवर से जुड़ी कार्यशील पूंजी वित्तपोषण योजना की शुरुआत; बाजार दरों पर 5 करोड़ रुपये की क्रेडिट कार्ड सुविधा और एमएसएमई मंत्रालय की देखरेख में खुदरा बैंकों के माध्यम से त्वरित निधि संवितरण तंत्र
  2. प्रौद्योगिकी एकीकरण और उद्योग 4.0 : उद्योग 4.0 समाधानों के अंगीकरण को बढ़ावा देने के लिए विद्यमान प्रौद्योगिकी केंद्रों को क्षेत्र-विशिष्ट और क्षेत्रीय रूप से अनुकूलित भारत एसएमई 4.0 सक्षमता केंद्रों में उन्नत करना।
  3. अनुसंधान एवं विकास संवर्धन तंत्र: MSME मंत्रालय के भीतर एक समर्पित अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना, राष्ट्रीय महत्व की क्लस्टर आधारित परियोजनाओं के लिए आत्मनिर्भर भारत कोष का लाभ उठाना।
  4. क्लस्टर-आधारित परीक्षण अवसंरचना: अनुपालन को सुगम बनाने और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सेक्टर-केंद्रित परीक्षण और प्रमाणन सुविधाओं का विकास।
  5. कस्टम कौशल विकास: क्षेत्र और सेक्टर के अनुसार उद्यम-विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ कौशल कार्यक्रमों का संयोजन और विद्यमान उद्यमिता तथा कौशल विकास कार्यक्रमों (ESDP) में मध्यम उद्यम-केंद्रित मॉड्यूल का एकीकरण।
  6. केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल: उद्यम प्लेटफॉर्म के भीतर एक समर्पित उप-पोर्टल का निर्माण, जिसमें स्कीम डिस्कवरी टूल्स, अनुपालन सहायता और एआई-आधारित सहायता शामिल होगी, ताकि संसाधनों को प्रभावी ढंग से उपयोग करने में उद्यमों को सहायता प्राप्त हो सके।

विकसित भारत@2047 का हिस्सा:

  • यह रिपोर्ट विकसित भारत 2047 के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए रणनीतिक नीतियों पर केंद्रित है।

नीति आयोग :

  • पूर्ण नाम: राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India - NITI Aayog)
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

उद्देश्य:

  • भारत के विकास के लिए रणनीतिक नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना
  • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना
  • नीतियों के कार्यान्वयन के लिए तकनीकी और रणनीतिक सलाह देना
  • सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहायता करना
  • नवाचार, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना

संरचना:

  • अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री (वर्तमान में नरेंद्र मोदी)
  • उपाध्यक्ष: नीति आयोग का कार्यकारी प्रमुख, जो नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन का नेतृत्व करता है (वर्तमान में सुमन बेरी)
  • सदस्य: पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य, जो विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं (उदाहरण: डॉ. वी.के. सारस्वत, डॉ. अरविंद विरमानी)
  • मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): दैनिक कार्यों का प्रबंधन करता है (वर्तमान में बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम)
  • शासी परिषद: इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं

प्रमुख कार्य:

  • विकसित भारत@2047: भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रणनीति तैयार करना
  • नीतिगत सुधारों के लिए सुझाव देना, जैसे MSME, डिजिटल परिवर्तन, और सतत विकास
  • विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और बुनियादी ढांचे में नीतियां बनाना
  • राज्यों के साथ मिलकर विकास परियोजनाओं को लागू करना
  • डेटा-संचालित नीति निर्माण के लिए डिजिटल उपकरणों और अनुसंधान का उपयोग

प्रमुख पहल:

  • आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme): पिछड़े जिलों के समग्र विकास के लिए
  • अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission): नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना
  • डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया: डिजिटल परिवर्तन और उद्यमिता को प्रोत्साहन
  • नीति संवाद: केंद्र और राज्यों के बीच नीतिगत चर्चा के लिए मंच
  • सतत विकास लक्ष्य (SDG) इंडिया इंडेक्स: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन

नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर:

  • दृष्टिकोण: योजना आयोग केंद्रीकृत योजना पर केंद्रित था, जबकि नीति आयोग सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद पर जोर देता है
  • लचीलापन: नीति आयोग नीतियों को अधिक लचीला और राज्य-केंद्रित बनाता है
  • भूमिका: नीति आयोग एक सलाहकार और थिंक टैंक की तरह काम करता है, न कि केवल योजनाओं को मंजूरी देने वाला निकाय

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises - MSME):

  • MSME को भारत सरकार ने निवेश और कारोबार (टर्नओवर) के आधार पर वर्गीकृत किया है

संशोधित MSME परिभाषा (1 अप्रैल 2025 से):

श्रेणी अधिकतम निवेश सीमा अधिकतम टर्नओवर सीमा
सूक्ष्म ₹2.5 करोड़ तक ₹10 करोड़ तक
लघु ₹25 करोड़ तक ₹100 करोड़ तक
मध्यम ₹125 करोड़ तक ₹500 करोड़ तक

 

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