शिरुई लिली महोत्सव 2025
 
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शिरुई लिली महोत्सव 2025

Sun 25 May, 2025

संदर्भ :

  • शिरुई लिली महोत्सव 2025 का आयोजन 20 से 24 मई 2025 तक मणिपुर के उखरुल जिले के शिरुई गांव में किया गया।

मुख्य बिंदु :

  • थीम 2025: "मानवता के लिए सौंदर्य" (Beauty for Humanity)
  • यह महोत्सव मणिपुर के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य दुर्लभ और संकटग्रस्त शिरुई लिली पौधे के संरक्षण और उसके प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह महोत्सव मणिपुर के राज्य फूल, शिरुई लिली की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए था, जो एक दुर्लभ और संरक्षण की आवश्यकता वाला फूल है।

महोत्सव का उद्देश्य:

  • शिरुई लिली की पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक महत्ता को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय समुदायों और स्वदेशी जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और प्रदर्शन।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय जागरूकता फैलाना।

प्रमुख आकर्षण:

  • शिरुई लिली फूलों की प्रदर्शनी
  • तांगखुल नागा समुदाय के पारंपरिक नृत्य और संगीत
  • हथकरघा और हस्तशिल्प प्रदर्शनियाँ
  • स्थानीय व्यंजनों का स्वाद
  • शिरोक (ShiRock): एक रॉक संगीत उत्सव जिसमें देशभर के बैंडों ने भाग लिया
  • शिरचेफ (ShiChef): एक पाक कला प्रतियोगिता
  • मिनी-मैराथन, कुश्ती, और रॉक संगीत कार्यक्रम

शिरुई लिली :

  • वैज्ञानिक नाम: Lilium mackliniae
  • स्थानीय नाम: शिरुई काशोंग (Shirui Kashong)
  • राज्य पुष्प: मणिपुर
  • शिरुई लिली, मणिपुर का राज्य पुष्प , एक दुर्लभ गुलाबी-सफेद फूल है जो केवल उखरुल जिले के शिरुई पहाड़ियों में पाया जाता है ।
  • खोज : 1946 में डॉ. फ्रैंक किंगडन वार्ड(इस फूल का नाम उनकी पत्नी जीन मैकलिन के नाम पर)
  • फूल को 1948 में रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी का मेरिट अवार्ड मिला
  • फिलने का समय : अप्रैल से जून तक

संरक्षण स्थिति:

    • IUCN की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध।
    • जलवायु परिवर्तन, मानवीय दखल और अवैध फूल तोड़ने की गतिविधियों से खतरे में।
  • शिरुई लिली महोत्सव पहली बार मनाया गया : 2017

मणिपुर :

  • उपनाम: "आभूषणों की भूमि", "स्वर्ण भूमि" (सना लीबाक)
  • स्थापना: 21 जनवरी 1972 (पूर्ण राज्य का दर्जा)
  • राजधानी: इंफाल
  • भाषा: मणिपुरी (मेइतिलोन), संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल
  • प्रमुख झील: लोकटक झील (ताजे पानी की सबसे बड़ी झील, तैरते हुए द्वीपों के लिए प्रसिद्ध)
  • प्रमुख जनजातियाँ: मैतेई, नगा (टांगखुल, कबुई), कुकी, और अन्य
  • राज्य पशु: संगाई हिरण (मणिपुर का ब्राउ-एंटलर हिरण)
  • पहाड़ी क्षेत्र (लगभग 90%) और घाटियाँ (इम्फाल घाटी)।
  • प्रमुख नदियाँ: बराक, मणिपुर, और इम्फाल नदी।
  • लोकटक झील: विश्व की एकमात्र तैरती झील (केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान)

नृत्य और संगीत:

  • रासलीला: मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य, जो भगवान कृष्ण की भक्ति पर आधारित है
  • पंग चोलम, थांग-टा (मार्शल आर्ट नृत्य)

त्योहार:

  • याओशांग (होली का स्थानीय रूप)।
  • लाइ हरोबा: मैतेई समुदाय का धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव।
  • शिरुई लिली महोत्सव: उखरूल में आयोजित, शिरुई लिली के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देता है

 

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