वैकल्पिक निवेश कोष में निवेश के नियमों में संशोधन
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




वैकल्पिक निवेश कोष में निवेश के नियमों में संशोधन

Tue 20 May, 2025

संदर्भ :

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Funds : AIF) में विनियमित संस्थाओं (Regulated Entities : RE) द्वारा निवेश के लिए मसौदा दिशानिर्देशों को संशोधित किया, जिसका उद्देश्य निगरानी बढ़ाना और संभावित दुरुपयोग को रोकना है।

निवेश सीमा:

  • एक विनियमित संस्था किसी भी एक AIF स्कीम के कुल कॉर्पस का अधिकतम 10% ही निवेश कर सकेगी।
  • सभी RE मिलकर भी किसी एक AIF स्कीम में कुल मिलाकर 15% से अधिक निवेश नहीं कर पाएंगी।

प्रावधान की शर्तें:

  • यदि कोई RE किसी AIF स्कीम में 5% से अधिक निवेश करती है और उस स्कीम ने किसी ऐसी कंपनी में कर्ज (debt) के रूप में निवेश किया है, जिससे वह RE खुद कर्जदाता के रूप में जुड़ी है, तो उसे उस कंपनी में अपने बकाया कर्ज का 100% प्रावधान करना होगा।

5% से कम निवेश:

  • अगर किसी AIF स्कीम में RE का निवेश 5% से कम है, तो उस पर कोई अतिरिक्त पाबंदी नहीं होगी।

रणनीतिक उद्देश्य वाले AIF:

  • कुछ रणनीतिक उद्देश्य वाले AIF को सरकार से विचार-विमर्श के बाद इन नियमों से छूट दी जा सकती है।

पृष्ठभूमि:

  • दिसंबर 2023 में, RBI ने REs को उन AIFs में निवेश करने से प्रतिबंधित किया था
  • जिनका उनके स्वयं के उधारकर्ताओं में निवेश था, जिससे "एवरग्रीनिंग" (Evergreening) जैसी प्रथाओं को रोका जा सके।
  • मार्च 2024 में, कुछ शर्तों के तहत इन नियमों में आंशिक ढील दी गई थी।
  • वर्तमान मसौदा दिशानिर्देश इन प्रतिबंधों को और स्पष्ट करते हैं और निवेश पर अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं।

वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund : AIF):

  • ऐसा निजी निवेश फंड जो निवेशकों से धन एकत्र करता है और पूर्व निर्धारित नीति के तहत उसका निवेश करता है।

विनियमन :

  • AIF का विनियमन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा वर्ष 2012 में किया गया
  • यह कोष मुख्यतः उन निवेशों के लिए होता है जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड या प्रत्यक्ष इक्विटी में नहीं आते

AIF की श्रेणियाँ :

श्रेणी-I (Category I AIF) :

  • स्टार्ट-अप, लघु व मझौले उद्यम (SMEs), सामाजिक उद्यम, अवसंरचना क्षेत्र आदि में निवेश करता है
  • उदाहरण: वेंचर कैपिटल फंड, सोशल वेंचर फंड

श्रेणी-II (Category II AIF) :

  • ऋण नहीं लेता और सूचीबद्ध नहीं कंपनियों की इक्विटी या ऋण में निवेश करता है।
  • उदाहरण: प्राइवेट इक्विटी फंड, डेट फंड

श्रेणी-III (Category III AIF) :

  • लघु अवधि के लाभ के लिए रणनीतिक निवेश करता है, जैसे हेज फंड। यह अक्सर लिवरेज का प्रयोग करता है
  • उदाहरण: हेज फंड

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India : RBI) :

  • स्थापना : 1 अप्रैल 1935
  • मुख्यालय : मुंबई, महाराष्ट्र
  • वर्तमान गवर्नर : संजय मल्होत्रा
  • स्थापना की सिफारिश : हिल्टन यंग आयोग
  • भारतीय रिज़र्व बैंक एक निजी स्वामित्व वाली संस्था थी
  • यह बैंक 1935 से लेकर 1947 तक बर्मा (अब म्यांमार) और पाकिस्तान का भी केंद्रीय बैंक रहा
  • राष्ट्रीयकरण : 1 जनवरी 1949
  • राष्ट्रीयकरण अधिनियम : रिज़र्व बैंक (स्थानांतरण) अधिनियम, 1948
  • उस समय के प्रधानमंत्री : पंडित जवाहरलाल नेहरू

प्रमुख कार्य :

  • मुद्रा निर्गमन : ₹1 को छोड़कर सभी नोट RBI जारी करता है(₹1 का नोट वित्‍त मंत्रालय द्वारा जारी होता है)
  • मौद्रिक नीति : ब्याज दरें (रेपो, रिवर्स रेपो आदि) निर्धारित करना
  • बैंकिंग विनियमन : सभी वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का नियमन
  • सरकार का बैंक : केंद्र और राज्य सरकारों के लेन-देन संभालता है
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन
  • विकासात्मक कार्य : डिजिटलीकरण, वित्तीय शिक्षा और समावेशन

 

Latest Courses