19 May, 2025
इथेनॉल उत्पादन के लिए FCI चावल के अतिरिक्त 2.8 मिलियन टन को मंजूरी
Thu 15 May, 2025
संदर्भ :
- भारत सरकार ने मई 2025 में खाद्य निगम (FCI) के अधिशेष भंडार से 2.8 मिलियन टन (28 लाख टन) अतिरिक्त चावल को सब्सिडी दर पर इथेनॉल उत्पादन के लिए आवंटित किया है।
- इस निर्णय का उद्देश्य देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को सुदृढ़ करना, अधिशेष अनाज का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
कुल आवंटन और उत्पादन क्षमता:
- यह कदम इथेनॉल सप्लाई वर्ष 2024-25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक) के लिए लिया गया है, जिससे कुल चावल का आवंटन 5.2 मिलियन टन (52 लाख टन) हो गया है।
- प्रत्येक टन चावल से लगभग 470 लीटर इथेनॉल उत्पादित किया जा सकता है, जिससे अनुमानित 2.45 बिलियन लीटर इथेनॉल का उत्पादन संभव है।
आर्थिक पहलू:
- डिस्टिलरियों को यह चावल ₹22.50 प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराया गया है, जबकि FCI के अनुसार चावल की आर्थिक लागत ₹41.73 प्रति किलोग्राम है।
- इस सब्सिडी योजना के तहत सरकार पर लगभग ₹10,000 करोड़ का व्यय अनुमानित है।
ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय लाभ:
- यह निर्णय भारत के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत 2025-26 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इथेनॉल मिश्रण से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
भंडारण और अधिशेष प्रबंधन:
- वर्तमान में FCI के पास 61 मिलियन टन चावल का भंडार है, जो आवश्यक बफर स्टॉक (13.58 मिलियन टन) से कहीं अधिक है।
- इस अधिशेष का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में करने से भंडारण लागत में कमी आएगी और अनाज की बर्बादी रोकी जा सकेगी।
इथेनॉल :
- एक रंगहीन, ज्वलनशील और हल्की गंध वाली जैविक रासायनिक यौगिक है, जिसे आम तौर पर एथाइल अल्कोहल (C₂H₅OH) कहा जाता है।
मुख्य स्रोत :
- प्रथम पीढ़ी (1G) स्रोत : खाद्य फसलें जैसे – गन्ना, मक्का, चावल, गेहूँ
- द्वितीय पीढ़ी (2G) स्रोत: कृषि अपशिष्ट (parali, bagasse आदि), औद्योगिक कचरा, लिग्नोसेल्यूलोसिक सामग्री (अधिक पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकल्प)
उपयोग:
- ईंधन: इथेनॉल का उपयोग गैसोलीन के साथ मिलाकर स्वच्छ ईंधन विकल्प बनाया जा सकता है
- विलायक: इथेनॉल का उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, इत्र और अन्य उत्पादों के निर्माण में विलायक के रूप में किया जाता है
- चिकित्सा और प्रयोगशाला उपयोग: इसका उपयोग एंटीसेप्टिक, कीटाणुनाशक और परिरक्षक के रूप में भी किया जाता है
- रसायनिक फीडस्टॉक: इथेनॉल का उपयोग विभिन्न रसायनों के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक के रूप में किया जाता है
भारत में इथेनॉल कार्यक्रम:
- EBP (Ethanol Blended Petrol) योजना : पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर उपयोग
- सरकार का लक्ष्य : 2025-26 तक 20% इथेनॉल मिश्रण