28 April, 2025
"एक राज्य, एक RRB" (One State, One RRB) नीति
Fri 02 May, 2025
संदर्भ :
- केंद्र सरकार ने 1 मई 2025 से "एक राज्य, एक RRB " नीति को लागू कर दिया है।
- इसके तहत 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) को 28 बैंकों में विलय कर दिया गया है। यह कदम परिचालन दक्षता बढ़ाने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
मुख्य बिन्दु :
- इस नीति के तहत, प्रत्येक राज्य में केवल एक RRB होगा, जिसे एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक द्वारा प्रायोजित किया जाएगा
- सुधार : इस नीति से ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में वृद्धि, परिचालन लागत में कमी, और बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है
प्रमुख विवरण:
- कवरेज: 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान) के आरआरबी शामिल
- शाखाएं: 22,000+ शाखाएं (92% ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में), जो 700 जिलों तक पहुंच रखेंगी।
- पूंजी आधार: प्रत्येक विलयित बैंक के पास अब 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी है
उत्तर प्रदेश का उदाहरण:
- विलयित बैंक: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में मिलाया गया।
- मुख्यालय: लखनऊ (बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन के तहत)
लाभ:
- ऋण वृद्धि: बढ़ी हुई पूंजी से ग्रामीण कर्जदारों को अधिक सहायता मिलेगी।
- राज्य-विशिष्ट जरूरतें: हर राज्य के लिए एक समर्पित आरआरबी अब स्थानीय वित्तीय चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
- 2004-05: आरआरबी विलय की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें 196 आरआरबी को 82 में समेकित किया गया।
- 2015: आरआरबी संशोधन अधिनियम लागू, जिसने न्यूनतम अधिकृत पूंजी 5 करोड़ से बढ़ाकर 200 करोड़ की।
- 2025: 43 आरआरबी को 28 बैंकों में समेकित करने का अंतिम चरण
नोट : समेकन प्रक्रिया वर्ष 2005 में डॉ. व्यास समिति की सिफारिशों के परिणामस्वरूप शुरू की गई थी।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) :
- स्थापना: 1975, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत
- सिफारिश: नरसिम्हम समिति की रिपोर्ट (1975) पर आधारित
- उद्देश्य: ग्रामीण भारत में ग्रामीण ऋण अंतराल को पाटना और संस्थागत ऋण को मजबूत करना।
- विनियमित: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
- पर्यवेक्षण: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
स्वामित्व संरचना:
- भारत सरकार : 50%
- राज्य सरकार : 15%
- प्रायोजक बैंक : 35%