20 May, 2025
शंघाई सहयोग संगठन
Thu 17 Oct, 2024
संदर्भ
- भारतीय विदेश मंत्री ने इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की दो दिवसीय बैठक में भाग लिया।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शुरुआत शंघाई पांच (S5) समूह के रूप में हुई थी, जिसमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान शामिल थे।
- इन देशों ने 1996 में शंघाई घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे।
- 2001 में, उज्बेकिस्तान इस समूह में शामिल हुआ और इसका नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) कर दिया गया।
उद्देश्य:
- सुरक्षा सहयोग: सीमा पार अपराध, आतंकवाद, और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
- आर्थिक सहयोग: व्यापार, निवेश, और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
SCO के सदस्य देश (8):
- चीन
- भारत
- कजाकिस्तान
- किर्गिस्तान
- पाकिस्तान
- रूस
- ताजिकिस्तान
- उज्बेकिस्तान
महत्व:
- भू-राजनीतिक महत्व: SCO, यूरेशिया क्षेत्र में एक प्रमुख राजनीतिक संगठन है।
- आर्थिक महत्व: SCO, विश्व की सबसे बड़ी भौगोलिक इकाई है और इसकी आर्थिक क्षमता काफी अधिक है।
- सुरक्षा महत्व: SCO, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संरचना:
- शिखर सम्मेलन: यह SCO का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
- काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट: यह शिखर सम्मेलन के बीच में संगठन का नेतृत्व करता है।
- काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट: यह आर्थिक सहयोग से संबंधित मुद्दों पर विचार करता है।
- रिजर्व फंड: यह संगठन के वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करता है।
- सचिवालय: संगठन का स्थायी सचिवालय बीजिंग में स्थित है।
भारत और SCO:
भारत ने 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बनकर अपनी मध्य एशिया नीति को मजबूत किया है। भारत के लिए SCO के कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- कनेक्टिविटी: भारत, SCO के माध्यम से मध्य एशिया और रूस के साथ अपनी कनेक्टिविटी को बढ़ा सकता है।
- व्यापार और निवेश: SCO, भारत के लिए एक बड़ा बाजार प्रदान करता है और निवेश के नए अवसर खोलता है।
- सुरक्षा: SCO, भारत को आतंकवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करता है।