28 April, 2025
जल निकायों में प्लास्टिक प्रदूषण
Fri 24 May, 2024
संदर्भ
- हाल ही में एक नए अध्ययन में कोल्लम जिले के रामसर आर्द्रभूमि, अष्टमुडी झील में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण की सीमा पर प्रकाश डाला गया है।
प्रमुख बिन्दु
- अध्ययन में खारे पानी की झील की मछली, शंख, तलछट और पानी में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया।
- माइक्रोप्लास्टिक्स की उच्चतम प्रतिशत संरचना मैक्रोफ़ौना में पाई गई, जिसमें मछली 19.6% और शेलफ़िश 40.9% थी।
- यह अध्ययन केरल विश्वविद्यालय के जलीय जीव विज्ञान और मत्स्य पालन विभाग ने यूरोपीय संघ के इरास्मस कार्यक्रम द्वारा सह-वित्त पोषित इकोमरीन परियोजना के समर्थन से किया था।
- ये निष्कर्ष ऐसे समय में प्रकाशित किए गए हैं जब दुनिया भर में जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण पर बढ़ती आशंकाएं हैं।
माइक्रोप्लास्टिक क्या हैं ?
- ये पांच मिलीमीटर से कम लंबाई वाले प्लास्टिक के टुकड़े हैं।
- एकत्रित नमूनों में पाए गए माइक्रोप्लास्टिक में 35.6% हिस्सा फाइबर का था।
- फ़्रैगमेंट (33.3%) और फाइम (28%) सूची में काफी पीछे थे।
- अध्ययन में कहा गया है, "विशेष रूप से, अधिकांश कण छोटे आकार की सीमा में थे, जो जलीय जीवों के लिए हानिकारक है।
- खतरनाक भारी धातुएँ नमूनों के विस्तृत विश्लेषण से प्लास्टिक पॉलिमर के साथ-साथ खतरनाक भारी धातुओं की उपस्थिति का पता चला।
- मछलियों और शेल मछलियों के पेट में पाए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स की पॉलिमर संरचना में नायलॉन, पॉलीयुरेथेन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीइथाइलीन और पॉलीसिलोक्सेन शामिल हैं।
- मोलिब्डेनम, लोहा और बेरियम जैसी खतरनाक भारी धातुएँ, जो संभावित रूप से परिवेश से अवशोषित होती हैं, माइक्रोप्लास्टिक्स में पाई गईं, जो जलीय जीवों और मनुष्यों के लिए संभावित जोखिम पैदा करती हैं।
- गौरतलब है कि अष्टमुडी आर्द्रभूमि को 2002 में इसके जलवैज्ञानिक कार्यों, इसकी जैव विविधता आदि के असाधारण महत्व को देखते हुए रामसर साइट नामित किया गया था।
निष्कर्ष
- केरल विश्वविद्यालय ने भविष्य में प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ने की संभावना को देखते हुए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।
- इस अध्ययन में कहा गया है कि मुहाना प्रणालियों में माइक्रोप्लास्टिक्स के प्रवेश को धीरे-धीरे कम करने के लिए रणनीतियों और कार्य योजनाओं का विकास किये जाने की आवश्यकता है।
वैश्विक स्तर पर समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिय किये गये प्रयास
- क्लीन सी अभियान (Clean Sea Campaign)
- बेसल अभिसमय (Basel Convention)
- होनोलूलू रणनीति
- प्रशांत महासागर में ओशन क्लीनअप (Ocean CleanUp) परियोजना
- प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिये सहयोग (Alliance to end Plastic Waste)
- कोपेनहेगन स्थित पर्यावरण शिक्षा फाउंडेशन (Foundation For Environment Education-FEE) द्वारा ब्लू फ्लैग कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
- केरल में कुल 11 प्रमुख झीलें हैं जिनके नाम हैं-
- पेरियार झील,
- वेंबनाड झील,
- अष्टमुदी झील,
- पारावुर झील,
- पुन्नमदा झील,
- अक्कुलम झील,
- मनांचिरा झील,
- वीरनपुझा झील,
- वेल्लयानी झील,
- सस्तमकोट्टा झील,
- पूकोडी झील
- वेम्बनाड झील को तीन नामों से जाना जाता है:
- कुट्टनाड में पुन्नमदा झील।
- कोच्चि में कोच्चि झील।
- कोट्टायम में वेम्बनाड