20 May, 2025
बौद्धिक संपदा अधिकार
Fri 26 Apr, 2024
सन्दर्भ
- अमेरिका की संस्था यूनाइटिड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) ने भारत को बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण व क्रियान्वयन करने के मामले में निगरानी सूची में रखा है।
- भारत बौद्धिक संपदा (आईपी) सुरक्षा के संबंध में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों (यूएसटीआर) द्वारा जारी 2024 स्पेशल 301 रिपोर्ट में निगरानी सूची में भारत के साथ अर्जेंटीना, चिली ,चीन ,इंडोनेशिया रूस और वेनेजुएला भी शामिल है। वहीं डोमिनिकन गणराज्य को निगरानी सूची से हटा दिया है।
- भारत बीते एक दशक से ‘प्राथमिक निगरानी सूची’ में है। स्पेशल 301 रिपोर्ट में बौद्धिक संपदा के संरक्षण व लागू करने की वैश्विक स्थिति की वार्षिक समीक्षा है।
- इस रिपोर्ट के संदर्भ में यूएसटीआर ने कहा कि बीते एक साल से भारत बौद्धिक संपदा संरक्षण और उसे लागू करने के मामले में एक समान नहीं रहा है।
भारत को इस सूची में शामिल रखने की वजह
- रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि ट्रेडमार्क उल्लंघन की जांच के साथ कुछ मामलों को सुलझाने में अमेरिका-भारत व्यापार नीति फोरम के तहत प्रगति हुई है, लेकिन कई लंबे समय से चली आ रही कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। इनमें ऑनलाइन पायरेसी की उच्च दर शामिल हैं।
- इसके अलावा भारत में पेटेंट का मुद्दा विशेष चिंता का विषय है। पेटेंट आवेदकों को पेटेंट अनुदान प्राप्त करने के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि का सामना करना पड़ता है।
- इसके साथ ही भारत के पेटेंट अधिनियम के तहत पेटेंट के निरस्त होने के संभावित खतरे, पेटेंट वैधता की धारणा की कमी और पेटेंट का संकुचित होता मानदंड है।
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
बौद्धिक संपदा अधिकार
- गौरतलब है कि इन अधिकारों को मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद 27 में परिभाषित किया गया है, जो रचनात्मक, साहित्यिक या वैज्ञानिक प्रस्तुतियों के लेखक होने के परिणामस्वरूप नैतिक और भौतिक हितों की सुरक्षा से लाभ का अधिकार प्रदान करता है।
आईपीआर से सम्बंधित संगठन
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ )
- स्थापना :14 जुलाई 1967
- मुख्यालय :जिनेवा ,स्विट्ज़रलैंड
- प्रकार :यूएन की विशेषीकृत एजेंसी
- सदस्य देश :193
आईपीआर से जुड़े महत्वपूर्ण कन्वेंशन
- बौद्धिक संपदा के महत्व को शुरू में औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस सम्मेलन (1883) और साहित्यिक और कलात्मक कार्यों के संरक्षण के लिए बर्न कन्वेंशन (1886) में स्वीकार किया गया था।
- दोनों संधियाँ विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा शासित हैं।