28 April, 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसरो एवं मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल के मध्य हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
Sat 06 Jan, 2024
सन्दर्भ
- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मॉरीशस गणराज्य के सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और नवाचार मंत्रालय के तत्वावधान में मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (एमआरआईसी) के मध्य मॉरीशस के पोर्ट लुई में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है।
- यह समझौता ज्ञापन एक संयुक्त लघु उपग्रह के विकास में सहयोग से संबंधित है।
प्रमुख बिंदु
कार्यान्वयन का कार्यक्रम
- इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इसरो और एमआरआईसी के बीच छोटे उपग्रह का संयुक्त कार्यान्वयन संभव हो सकेगा।
- इस उपग्रह कार्यान्वयन को 15 महीने की समय सीमा में पूरा करने का प्रस्ताव है।
कुल व्यय
- इस संयुक्त उपग्रह के पूरी तरह से तैयार होने की अनुमानित लागत 20 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- इस समझौता ज्ञापन में दोनों पक्षों के बीच धन का कोई अन्य आदान-प्रदान शामिल नहीं है।
प्रभाव
- यह समझौता ज्ञापन एक संयुक्त उपग्रह के विकास के साथ-साथ एमआरआईसी के ग्राउंड स्टेशन के उपयोग के संबंध में सहयोग हेतु इसरो और एमआरआईसी के बीच सहयोग की एक रूपरेखा को स्थापित करने में मदद करेगा।
- इस संयुक्त उपग्रह की कुछ उपप्रणालियों को भारतीय उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से अपनाया जायेगा और इससे उद्योग जगत को लाभ होगा।
- उपग्रह के इस संयुक्त विकास के माध्यम से होने वाले सहयोग से मॉरीशस में भारतीय ग्राउंड स्टेशन के लिए मॉरीशस सरकार से निरंतर समर्थन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जो इसरो/भारत के प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह मिशनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- इसके अलावा, यह संयुक्त उपग्रह निर्माण भविष्य में इसरो के छोटे उपग्रह मिशन के लिए एमआरआईसी द्वारा अपने ग्राउंड स्टेशन से सहयोग सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित होगा।
- इस संयुक्त उपग्रह की कुछ उपप्रणालियों को भारतीय उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से अपनाया जाएगा और इस प्रकार रोजगार का सृजन हो सकेगा।
भारत मॉरीशस सम्बन्धों की पृष्ठभूमि
- भारत और मॉरीशस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में उस समय शुरू हुआ था जब इसरो ने इस उद्देश्य के लिए 1986 में हस्ताक्षरित देश-स्तरीय समझौते के तहत इसरो के प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह मिशनों के लिए ट्रैकिंग एवं टेलीमेट्री के क्षेत्र में सहायता हेतु मॉरीशस में एक ग्राउंड स्टेशन की स्थापना की थी।
- वर्तमान अंतरिक्ष सहयोग 29.7.2009 को हस्ताक्षरित उस देश-स्तरीय समझौते द्वारा प्रशासित हो रहा है, जिसने ऊपर उल्लिखित 1986 समझौते का स्थान लिया है।
- मॉरीशस के लिए संयुक्त रूप से एक लघु उपग्रह बनाने के बारे में एमआरआईसी द्वारा व्यक्त की गई रुचि के आधार पर, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इसरो से भारत-मॉरीशस संयुक्त उपग्रह को साकार करने हेतु एमआरआईसी के साथ ऐसी चर्चा शुरू करने का आग्रह किया, जिसमें संयुक्त उपग्रह को साकार करने, उसका प्रक्षेपण व संचालन करने के लिए एमईए धन प्रदान करे।
- इस समझौता ज्ञापन पर 1 नवंबर, 2023 को मॉरीशस के पोर्ट लुई में ‘आप्रवासी दिवस’ कार्यक्रम के लिए राज्यमंत्री (एमईए) की मॉरीशस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
इसरो
- संस्थापक: विक्रम साराभाई
- मुख्यालय: बेंगलुरू, कर्नाटक
- वर्तमान अध्यक्ष: श्री एस. सोमनाथ