12 May, 2025
ई-मृदा
Sat 30 Dec, 2023
हाल ही में, लिंकोपिंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने "इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी" या ई-मृदा (eSoil) नामक विद्युत प्रवाहकीय बढ़ते माध्यम का उपयोग करके मिट्टी रहित बागवानी, या जल संवर्धन या हाईड्रोपोनिक्स (Hydroponics) की एक नई विधि प्रस्तुत की।
पृष्ठभूमि
- हाइड्रोपोनिक्स में, पौधों को मिट्टी के बिना उगाया जाता है, जिसके लिए केवल पानी, पोषक तत्वों और एक सतह की आवश्यकता होती हैजिससे उनकी जड़ें जुड़ सकें।
- वर्तमान में हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग आमतौर पर पशु चारे के अलावा अन्य अनाज उगाने के लिए नहीं किया जाता है।
- इस बंद प्रणाली में जल के पुनः प्रसारण द्वारा सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक अंकुर को ठीक वही पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जिनकी उसे आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप, बहुत कम पानी का उपयोग होता है और सभी पोषक तत्व प्रणाली में बने रहते हैं - कुछ ऐसा जो पारंपरिक खेती के साथ संभव नहीं है।
ई-मृदा क्या है?
- हाइड्रोपोनिक वातावरण में, ई-मृदा एक कम शक्ति वाला बायोइलेक्ट्रॉनिक विकास सब्सट्रेट (bioelectronic growth substrate) है जो पौधों की जड़ प्रणाली और विकास वातावरण को विद्युत रूप से उत्तेजित कर सकता है।
- यह नया सब्सट्रेट न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, जो सेलूलोज़ और PEDOT नामक एक प्रवाहकीय पॉलिमर से प्राप्त होता है, बल्कि कम ऊर्जा एवं सुरक्षित विकल्प भी प्रदान करता है जिसके लिए उच्च वोल्टेज और गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री की आवश्यकता होती है।
- ई-मृदा में कम ऊर्जा लगती है जिससे संसाधनों की खपत कम होती है। इसका सक्रिय पदार्थ एक कार्बनिक मिश्रित-आयनिक इलेक्ट्रॉनिक कंडक्टर है।
लाभ
- उपलब्ध स्थान का उपयोग करने के लिए ऊर्ध्वाधर खेती की क्षमता, ई-मृदा की कम ऊर्जा खपत और सुरक्षा विशेषताएं वैश्विक खाद्य जरूरतों के लिए एक स्थायी विकल्प बन सकती हैं।
- हाइड्रोपोनिक्स, पौधों को शहरी वातावरण में भी नियंत्रित परिवेश में उगाया जा सकता है।
मृदा और उसके भारत में प्रकार
मिट्टी समय के साथ मूल सामग्रियों (मूल चट्टानों और खनिजों) पर जलवायु, स्थलाकृति, जीवों (वनस्पति, जीव और मानव) के संयुक्त प्रभाव का अंतिम उत्पाद है।
मृदा प्रकार | राज्य |
जलोढ़ मिट्टी | गुजरात, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, झारखंड आदि के मैदानी इलाकों में पाया जाता है। |
काली (रेगुर मिट्टी) | दक्कन का पठार- महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कृष्णा और गोदावरी की घाटियाँ। |
लाल मिट्टी | दक्कन के पठार का पूर्वी और दक्षिणी भाग, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य गंगा के मैदान का दक्षिणी भाग। |
लेटराइट | कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, असम और उड़ीसा की पहाड़ियाँ। |
शुष्क और रेगिस्तानी | पश्चिमी राजस्थान, उत्तरी गुजरात और दक्षिणी पंजाब |
खारी और क्षारीय | पश्चिमी गुजरात, पूर्वी तट के डेल्टा, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र, पंजाब और हरियाणा |