28 April, 2025
मैत्री-II केंद्र
Fri 22 Dec, 2023
सन्दर्भ
- भारत सरकार ने पूर्वी अंटार्कटिका में मौजूदा भारतीय अनुसंधान आधार मैत्री के पास एक नया अनुसंधान केंद्र तैयार करने का विचार बनाया है।
प्रमुख बिंदु
- इस नए अनुसंधान केंद्र के लिए उपयुक्त स्थान का चुनाव कर लिया गया है।
- इससे संबंधित संपर्क मार्ग के लिए प्रारंभिक स्थलाकृतिक सर्वेक्षण कार्य जारी है।
- गौरतलब है कि भारत का मौजूदा अनुसंधान केंद्र 'मैत्री' बहुत पुराना हो चुका है।
- ऐसी स्थिति में नया अनुसंधान केंद्र बनाना आवश्यक हो गया है।
- प्रस्तावित परियोजना में अंटार्कटिका के लिए पर्यावरण प्रोटोकॉल के पालन और अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार की परिकल्पना की गई है।
अंटार्कटिक की प्रमुख विशेषताएँ:
- वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये भारत सहित कई देशों द्वारा स्थापित लगभग 40 स्थायी स्टेशनों को छोड़कर अंटार्कटिक निर्जन है।
- अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणतम महाद्वीप है।
- इसमें भौगोलिक रूप से दक्षिणी ध्रुव शामिल है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र में स्थित है।
- 14,0 लाख वर्ग किलोमीटर (5,4 लाख वर्ग मील) में विस्तृत यह विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है।
परीक्षापयोगी तथ्य
दक्षिण गंगोत्री
- दक्षिण गंगोत्री भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अंटार्कटिका में स्थापित पहला भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान बेस स्टेशन था।
मैत्री
- स्थापना : 1989
- मैत्री अंटार्कटिका में भारत का दूसरा स्थायी अनुसंधान केंद्र है।
भारती
- स्थापना : 2012
- यह भारत का नवीनतम अनुसंधान केंद्र है ।
भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम
- स्थापना : 1998
- यह नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिक एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के तहत एक वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण कार्यक्रम है।
- NCPOR देश में ध्रुवीय और दक्षिणी महासागरीय वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ संबंधित रसद गतिविधियों की योजना, प्रचार, समन्वय और निष्पादन के लिये नोडल एजेंसी है।