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थैलियम विषाक्तता

Tue 31 Oct, 2023

संदर्भ:  

  • महाराष्ट्र के महागाँव ग्राम में एक परिवार के चार सदस्य थैलियम विषाक्तता के शिकार हो गए, यह एक रसायन है जो धीमी गति से कार्य करता है और इसका पता लगाना मुश्किल होता है।

प्रमुख बिंदु : 

  • यह अपनी अत्यधिक विषाक्तता के लिए जाना जाता है तथा प्रकृति में स्वतंत्र रूप से नहीं होता है। 
  • थैलियम का  कोई रंग, गंध या स्वाद नहीं होता। भारत में इसका उपयोग नियंत्रित है। थैलियम को "जहर का जहर"  भी कहा जाता है ।थैलियम हाइड्रोक्लोरिक एसिड और तनु सल्फ्यूरिक एसिड में धीरे-धीरे और नाइट्रिक एसिड में तेजी से घुल जाता है ।

सामान्य उपयोग: 

  • ऐतिहासिक रूप से कम तापमान वाले थर्मामीटर में उपयोग किया जाता है । रेडियोधर्मी आइसोटोप का उपयोग चिकित्सा इमेजिंग में किया जाता है। सीमित औद्योगिक अनुप्रयोग।
  • प्राचीन काल में इसका उपयोग चूहे मारने वाली दवा और चींटी मारने वाली दवा के रूप में किया जाता था। 
  • थैलियम यौगिकों का उपयोग चश्मे के निर्माण में किया जाता है।
  • इसका उपयोग फोटोकल्स में किया जाता है।
  • इसका उपयोग इन्फ्रारेड ऑप्टिक्स के उत्पादन में किया जाता है।

 थैलियम के गुण:

  • थैलियम आसानी से पिघल जाता है। घुलनशील थैलियम लवण आम तौर पर जहरीले होते हैं। 
  • यह +3 और +1 ऑक्सीकरण अवस्थाओं पर ऑक्सीकरण करता है, जिससे आयनिक लवण बनता है।
  • ऐसे कई थैलियम यौगिक हैं जिनमें थैलियम (III) एल्यूमीनियम (III) यौगिकों से मिलता जुलता है।

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