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सार्वजनिक परिवहन का नया आयाम -

Fri 20 Oct, 2023

सन्दर्भ -

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रैपिडएक्स के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के साहिबाबाद-दुहाई खंड का उद्घाटन किया गया।
  • इसके साथ ही देश की पहली रैपिडएक्स परियोजना अर्थात ' नमो भारत रेल' परिचालन में आ गई।

 लक्ष्य -

  • रैपिडएक्स का लक्ष्य लोगों को किफायती दरों पर तेज, सुरक्षित, आरामदायक और भरोसेमंद यात्रा प्रदान करना है।
  • अपने इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए रैपिडएक्स एक समय पर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी।

 मुख्य बिंदु- 

  • यात्रियों की सुविधा के लिए आरआरटीएस स्टेशनों को मौजूदा बस टर्मिनलों, रेलवे और मेट्रो स्टेशनों के साथ जोड़ दिया गया है।
  • आरआरटीएस ट्रेनों में महिलाओं के लिए विशेष कोच होगा।
  • प्रत्येक कोच में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए भी विशेष सीटें चिह्नित की जाएंगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर सुविधा भी सुनिश्चित होगी।
  • आपात स्थिति में मरीजों को समय से आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कारिडोर सुविधा जैसी पहल भी की गई है।
  • एनसीआरटीसी नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को भी लागू करने जा रहा है और देश में पहली बार यूपीआइ-आधारित टिकट वेंडिंग मशीनों (टीवीएम) की सुविधा भी मिलेगी।
  • परियोजना निगरानी के लिए एनसीआरटीसी ने ‘स्पीड’ (सिस्टमेटिक प्रोग्राम इवेलुएशन फार एफिशिएंट डिलिवरी आफ प्रोजेक्ट) जैसा टूल बनाया है।
  • आरआरटीएस के पहले चरण में तीन पड़ाव हैं। पहला पड़ाव दिल्ली से मेरठ का है।
  • दूसरे पड़ाव में इसका दायरा दिल्ली से पानीपत (हरियाणा) तक हो जाएगा और तीसरे पड़ाव में दिल्ली से धारूहेड़ा (राजस्थान) तक विस्तार होना है। इसकी कुल लागत करीब एक लाख करोड़ रुपये है।

 लाभ -

  • गौरतलब है कि वाणिज्यिक सेवाएं शुरू होने के बाद ऐसा अनुमान है कि इससे 18 लाख टन कार्बन डाईआक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी।
  • इस परियोजना का एक विशिष्ट पहलू यह है कि इसने मेरठ मेट्रो को आरआरटीएस इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने का काम किया है।
  • इससे सरकारी खजाने को करीब 6,300 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
  • यात्रियों को सहूलियत मिलने के साथ ही इसके कई और लाभ भी देखने को मिलेंगे।
  • यह महत्वाकांक्षी परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ और भारत की विनिर्माण क्षमताओं की सफलता की भी परिचायक है।
  • इसके लिए देश की पहली प्रमाणित हाई स्पीड रोलिंग स्टाक और शत प्रतिशत ट्रेन सेट गुजरात के सावली में बनाई गई।
  • प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) का डिजाइन और निर्माण भी पहली बार पूरी तरह स्वदेशी स्तर पर हुआ।
  • इसके लिए एनसीआरटीसी और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) की साझेदारी रंग लाई।

परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य - 

रैपिड रेल प्रोजेक्ट- 

  • इसका लक्ष्य यह है कि दिल्ली के 200 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग एक घंटे के अंदर शहर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की यात्रा कर सकें।

रैपिड रेल एवं मेट्रो रेल में अंतर - 

  • मेट्रो और रैपिड में सबसे बड़ा अंतर स्पीड का है।दिल्ली मेट्रो की अधिकतम 80 से 100 किमी प्रति घंटा है, जबकि रैपिड रेल सेमी हाई स्पीड ट्रेन है अर्थात इसकी रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा से 180 किमी प्रति घंटा तक होगी।

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