12 May, 2025
नोबल पुरस्कार 2023 -
Tue 03 Oct, 2023
संदर्भ:
- चिकित्सा या शरीर विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से हंगरी मूल की अमेरिकी प्रोफेसर कातलिन कारिको और अमेरिका के प्रोफेसर ड्रीयू वाइजमैन को प्रदान किया जाएगा।
- इन दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित की जिससे m-RNA आधारित कोविड टीकों का निर्माण संभव हो सका।
पृष्ठभूमि -
- प्रोफेसर कारिको और प्रोफेसर वाइजमैन काफी लंबे समय से यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में काम कर रहे हैं।
- इन दोनों को अपने अनुसंधान के लिए 2021 में प्रतिष्ठित लास्कर पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
m-RNA आधारित कोविड टीके
- ये टीके वायरस या बैक्टिरिया से लडने के लिए शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को तैयार करते हैं।
- एम-आरएनए तकनीक पारंपरिक टीकों से अलग है। जब हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टिरिया हमला करता है तो ये तकनीक उस वायरस से लडने के लिए हमारी कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने का संदेश भेजती है।
- इससे हमारे प्रतिरोधक तंत्र को जो जरूरी प्रोटीन चाहिए वो मिल जाता है।
- कोविड महामारी के दौरान माडर्ना, फाइजर तथा बायोएनटेक टीके एम-आरएनए तकनीक पर आधारित थे।
नोबल पुरस्कार के बारे में -
- नोबेल पुरस्कारों की स्थापना 19वीं सदी के स्वीडन के व्यवसायी और रसायनज्ञ अल्फ्रेड नोबेल द्वारा की गई थी।
- पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में प्रदान किया गया था।
- नोबेल पुरस्कार समारोह का आयोजन प्रति वर्ष दिसंबर में स्टॉकहोम, स्वीडन में किया जाता है।
- वहीं शांति पुरस्कार प्रतिवर्ष ओस्लो (नॉर्वे) में दिया जाता है।
- प्रत्येक नोबेल पुरस्कार विजेता एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा और एक मौद्रिक पुरस्कार प्राप्त करता है।
- नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय: रवींद्रनाथ टैगोर, साहित्य के लिये (1913)
- नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिलाः मदर टेरेसा, शांति के लिये (1979)
नोबेल पुरस्कार की श्रेणियां -
- ये पुरस्कार 6 श्रेणियों में दिये जाते हैं:
- भौतिकी
- रसायन
- फिजियोलॉजी या चिकित्सा
- साहित्य
- शांति
- अर्थशास्त्र
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
- मेडिसिन/फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार
- मेडिसिन/फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार 2021:डेविड जूलियस और आर्डेम पटापोटियन
- तापमान और स्पर्श के लिये रिसेप्टर्स की उनकी खोजों हेतु।
- मेडिसिन/फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार 2022:स्वांते पाबो
- विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम के क्षेत्र में शोध के लिये।