इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 -
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 -

Thu 28 Sep, 2023

संदर्भ:

  • यूएनएफपीए (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष) भारत ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के सहयोग से बहुप्रतीक्षित "इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023" प्रस्तुत किया।
  • रिपोर्ट संयुक्त रूप से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और यूएनएफपीए की भारत प्रतिनिधि और कंट्री डायरेक्ट भूटान  सुश्री एंड्रिया एम. वोज्नार द्वारा जारी की गई।

 प्रमुख बिंदु:

  • सदी के अंत तक, देश की कुल आबादी में बुजुर्गों की संख्या 36% से अधिक होगी।
  • यूएनएफपीए की 'इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023' के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों  (60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों) की आबादी का हिस्सा 2021 में 10.1 फीसद था, जो बढ़कर 2036 में 15 फीसद और 2050 में 20.8 फीसद तक होने का अनुमान है।
  • वर्ष 2050 से चार साल पहले, 2046 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों की आबादी से अधिक होगी।
  • 2031 तक 60 से अधिक उम्र की आबादी में 1000 पुरुषों पर 1078 महिलाएं होंगी।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 से 2022 के दौरान भारत की कुल आबादी करीब 34 फीसदी बढ़ी है।  
  • 2010 के बाद से 15 वर्ष से कम आयु वर्ग में गिरावट के साथ-साथ बुजुर्गों की आबादी में तेज वृद्धि देखी गई है।

भारत का सबसे युवा राज्य:

  • 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है।

 भारत के सबसे बुजुर्ग राज्य:

  • 60 पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है।
  • तमिलनाडु (13.7%) दूसरा, हिमाचल (13.1%) तीसरा, पंजाब (12.6%) चौथा और आंध्र (12.3%) पांचवां सबसे बुजुर्ग राज्य है।

 भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या वृद्धि के कारण:

  • घटती प्रजनन क्षमता (एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है। उदाहरण के लिए 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है। )
  • मृत्यु दर में कमी,
  • उत्तरजीविता में वृद्धि इत्यादि।

 बुजुर्ग आबादी बढ़ने से सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां:

  • वृद्धों में भी 80 से ज्यादा उम्र के वृद्धों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी, जिनकी देखभाल के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी।
  • देश में 70 फीसदी आबादी ग्रामीण है,  जब बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी, तो गांवों में उनकी तादाद ज्यादा होगी।
  • उनके लिए आय, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी चुनौतियां होंगी।
  • आश्रितों की संख्या में वृद्धि होगी इत्यादि ।

 आगे की राह - 

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में बुजुर्गों की भलाई से संबंधित सहित विभिन्न विश्लेषण सहित निम्न बातें शामिल हैं :

  • वरिष्ठ नागरिकों की विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वृद्धावस्था देखभाल में वृद्धि।
  • बुजुर्ग आबादी के स्वास्थ्य, वित्तीय सशक्तिकरण और क्षमता निर्माण की आवश्यकताओं को पूरी करने वाली अनेक सरकारी योजनाएं और नीतियां।
  • समुदाय-आधारित संगठन कंप्यूटर और इंटरनेट उपयोग सत्रों के माध्यम से डिजिटल सशक्तिकरण में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
  • बुजुर्गों के कल्याण के लिए नीतियों को आकार देने के लिए समर्पित मंत्रिस्तरीय समितियों का गठन ।
  • आनंदपूर्ण उम्र बढ़ने, सामाजिक सहायता, वृद्धाश्रम और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता अभियान के लिए कॉर्पोरेट प्रयास किया जाना इत्यादि ।

 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य -

 संविधान में वृद्ध नागरिकों के लिए प्रावधान - 

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 41 में कहा गया है कि राज्य अपनी आर्थिक क्षमता के मुताबिक बुजुर्गों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के उपाय करेगा।

 संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA):

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) का एक सहायक अंग है।
  • वर्ष 1967 में ट्रस्ट फंड के रूप में स्थापित
  • वर्ष 1987 में आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष नाम दिया गया,
  • यह संस्था प्रजनन अधिकारों की प्रोत्साहित करते हुए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच का समर्थन करता है - जिसमें स्वैच्छिक परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य देखभाल और समग्र यौन शिक्षा शामिल है।

Latest Courses