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कावेरी नदी जल विवाद -

Fri 22 Sep, 2023

सन्दर्भ -

  • हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण एवं कावेरी जल नियमन समिति के उस आदेश में परिवर्तन करने से इंकार कर दिया है, जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए प्रति दिन 5000 घनमीटर पानी छोड़ने की बात कही गई है। 
  • कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण ने भी यही फैसला दिया था । 
  • गौरतलब है कि तमिलनाडु ने सूखे का हवाला देते हुए 7200 घनमीटर पानी मांगा था। 
  • फिर भी तमिलनाडु प्रति दिन 5000 गहन मीटर पानी छोड़ने के फैसले पर सहमत  है, लेकिन कर्नाटक में इसके खिलाफ असंतोष पैदा हो गया है। जिससे राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

 कावेरी नदी विवाद की पृष्ठभूमि-

  • दक्षिण की गंगा कही जाने वाली कावेरी के जल को चार राज्यों- कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी के बीच बंटवारे को लेकर समय-समय पर समितियां बनीं, उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश पारित हुए, पर विवादों का अंत नहीं हो पाया। 
  • तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद आजादी से पहले से चला आ रहा है। 

विवाद का मूल कारण -

  • दोनों ही राज्यों के कई जिले सिंचाई के लिए कावेरी नदी के पानी पर निर्भर हैं। 
  • बंगलुरु शहर को पीने का पानी इसी से मिलता है। इसलिए यह मुद्दा दोनों ही राज्यों के लिए अत्यधिक संवेदनशील  है। 

 इस विवाद को सुलझाने का प्रयास -

  • इस मुद्दे को हल करने के लिये वर्ष 1990 में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की स्थापना की गई।
  • इसके अलावा केंद्र सरकार ने जून 2018 में 'कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण' और 'कावेरी जल विनियमन समिति' का गठन करते हुए 'कावेरी जल प्रबंधन योजना' को अधिसूचित किया।

आगे की राह  - 

  • महत्त्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना में इन विवादों से छुटकारा दिलाने की संभावना देखी गई थी, लेकिन यह परियोजना भी पिछले दो दशक में अपेक्षित गति नहीं पकड़ पाई है। 
  • इस समस्या का समाधान एक-दूसरे से सहयोग और समन्वय में ही निहित है। 
  • ऐसे में संबंधित राज्यों को क्षेत्रीय हितों का त्याग करना होगा।
  • एक-दूसरे की जरूरत को ध्यान में रखते हुए स्थायी और व्यावहारिक समाधान तलाशना होगा।

 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • कावेरी नदी-राज्य - कर्नाटक, तमिलनाडु

उपनदियाँ

  •  बाएँ से - हेमावती, शिम्सा, अर्कावती
  •  दाएँ से -काबिनी, भवानी, नोय्यल, अमरावती
  • उद्गम स्रोत -कर्नाटक के कोडागु जिले में पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि श्रृंखला में तालाकावेरी से।

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