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ई-कोर्ट परियोजना :चरण 3 -

Thu 14 Sep, 2023

सन्दर्भ -

  • ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट को विस्तार देते हुए इसके तीसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूरी दी गई है।
  • इस परियोजना पर सरकार अगले चार वर्ष में 7210 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 
  • सरकार ने ई-कोर्ट के पहले और दूसरे चरण के बाद अब तीसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया है।
  • ई-कोर्ट परियोजना का तीसरा चरण “पहुंच और समावेशन” के दर्शन पर आधारित है।

पृष्ठभूमि -

  • ई-कोर्ट एकीकृत मिशन मोड परियोजना वर्ष 2007 से देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यान्वित की जा रही राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में से एक है। 
  • चरण 1: इसे वर्ष 2011-2015 के दौरान लागू किया गया था।
  • चरण II: इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था जिसके तहत 2 उपयोगकर्त्ता के विभिन्न जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को कंप्यूटरीकृत किया गया है।

उद्देश्य -

  • इस परियोजना का उद्देश्य अदालतों को ई-सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन प्रदान करना है, और न्यायपालिका अदालतों के कामकाज की निगरानी और प्रबंधन करने में सक्षम है।
  • इसके अलावा जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के सार्वभौमिक कम्प्यूटरीकरण और न्याय प्रणाली की आईसीटी सक्षमता में वृद्धि करके वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को नामित सेवाएं प्रदान करना है।

ई-कोर्ट परियोजना के तहत की गई पहल- 

नेटवर्क में सुधार,

  • ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर,
  • NJDG डेटाबेस (राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) आदेशों, निर्णयों और मामलों का एक डेटाबेस),
  • आभासी न्यायालय,
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग,
  • ई-फाईलिंग इत्यादि । 

 लाभ -

  • पारदर्शिता में वृद्धि
  • जवाबदेही और जिम्मेदारी में वृद्धि 
  • बेहतर दक्षता 
  • समन्वय में वृद्धि इत्यादि । 

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

सर्वोच्च न्यायालय

  • स्थापना -1 अक्टूबर 1937
  • वर्तमान मुख्य न्यायाधीश -डी वाई चंद्रचूड़
  • मुख्य पीठ -नई दिल्ली
  • पदों की वर्तमान संख्या -33 +1
  • अनुच्छेद -124 -147 तक 

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