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लघु सिंचाई गणना (MIC) 2023

Sun 03 Sep, 2023

  • हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग  द्वारा लघु सिंचाई योजनाओं पर छठी गणना रिपोर्ट जारी की गई।
  • इससे यह ज्ञात हुआ है की पानी निकालने के लिए डीजल, पवन चक्कियों और सौर पंपों की तुलना में विद्युत प्रमुख स्रोत (3/4) है।
  •  MIC किसानों के बोरवेल, ट्यूबवेल और अन्य निजी स्वामित्व वाले सिंचाई स्रोतों का एक संग्रह है।

 विद्युत का उपयोग:

  • वर्ष 2011 में केवल 56 % स्रोतों से विद्युत उपयोग किया जाता था। इसकी तुलना में  2017 में 70 % की बढ़ोतरी दर्ज की गई है ।
  • नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में 76 % स्रोतों से विद्युत उपयोग की धीमी विकास दर देखने को मिली है ।
  • भूजल निकासी का यह विद्युतीकरण ट्यूबवेल और बोरवेल के उपयोग में वृद्धि से मेल खाता है जो अधिक गहराई से पानी निकालने में सक्षम हैं।

 लघु सिंचाई जनगणना

  • पहली लघु सिंचाई गणना वर्ष 1986-87, में की गई थी।इसके साथ ही1993-94, 2000-01, 2006-07 और 2013-14 के साथ पांच गणनाएं की गई हैं।
  • संदर्भ वर्ष 2017-18 के साथ छठी लघु सिंचाई गणना 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (नई दिल्ली, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप को छोड़कर) में पूरी की गई है।

 सिंचाई (एमआई) संबंधी योजनाओं पर छठी गणना रिपोर्ट:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में 23.14 मिलियन लघु सिंचाई (MI) योजनाएं हैं, जिनमें से 21.93 मिलियन (94.8%) भूजल (GW) और 1.21 मिलियन (5.2%) सतही जल (SW) योजनाएं हैं।
  • छठी लघु सिंचाई गणना के दौरान,5वीं गणना की तुलना में लघु सिंचाई योजनाओं में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि  दर्ज की गई है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर, भूजल और सतही जल स्तर की योजनाओं में क्रमशः 6.9% और 1.2% की वृद्धि हुई है।
  • सभी लघु सिंचाई योजनाओं में से, लगभग 97.0% ‘उपयोग में हैं’, 2.1% ‘अस्थायी रूप से उपयोग में नहीं हैं’ जबकि 0.9% ‘स्थायी रूप से उपयोग में नहीं है’।

स्वामित्व:

  • 96.6% लघु सिंचाई योजनाएं  निजी स्वामित्व में हैं।
  •  भूजल योजनाओं में स्वामित्व में निजी संस्थाओं की हिस्सेदारी 98.3% है।
  • सतही जल योजनाओं में हिस्सेदारी 64.2% है।
  • सभी व्यक्तिगत स्वामित्व वाली योजनाओं में से 18.1% का स्वामित्व महिलाओं के पास है।
  • पहली बार  लघु सिंचाई (MI) योजना के हिस्सेदारों के लिंग पर डेटा एकत्र किया गया।
  • लगभग 60.2% योजनाओं में वित्त का स्रोत एकल  है जबकि 39.8% योजनाओं में वित्त के एक से अधिक स्रोत हैं।
  • 79.5% योजनाएं  व्यक्तिगत किसान की अपनी बचत से वित्तपोषित किया जा रहा है।

 महत्व:

  • यह रिपोर्ट योजनाकारों, नीति-निर्माताओं, रिसर्च स्कॉलर, कृषि और भूजल वैज्ञानिकों, प्रशासकों और देश की सिंचाई व कृषि अर्थव्यवस्था के विकास से जुड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी होगी।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • देश में सबसे अधिक सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं वाले राज्य:उत्तर प्रदेश, (17.2%) महाराष्ट्र, (15.4%), मध्य प्रदेश, (9.9%) तमिलनाडु (9.1%)।
  • खोदे गए कुओं, सतही प्रवाह और सतही लिफ्ट योजनाओं में महाराष्ट्र  अग्रणी राज्य है।
  • उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब क्रमशः उथले ट्यूबवेल, मध्यम ट्यूबवेल और गहरे ट्यूबवेल के मामले में अग्रणी राज्य हैं।
  • SW योजनाओं में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

 सिंचाई से संबंधित सरकार द्वारा की गई पहलें:

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): लॉन्च वर्ष:2015
  • प्रति बूँद अधिक फसल लॉन्च वर्ष: 2015-16

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