21 July, 2025
"आदित्य L1 मिशन"
Sat 02 Sep, 2023
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा सूर्य का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को ‘आदित्य-एल1’ सूर्य मिशन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया।
- आदित्य एल- 1 को सूर्य एवं पृथ्वी के बीच स्थित एल-1 लग्रांज/लेग्रांजी बिंदु के निकट स्थापित किया जाएगा।
- इस मिशन को PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है।
- अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1’ सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है।
लैग्रेंजियन पॉइंट-1
- L1 का अर्थ ‘लैग्रेंजियन/‘लैग्रेंज पॉइंट-1’ से है, जो पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के ऑर्बिट में स्थित पाँच बिंदुओं में से एक है।
- लैग्रेंजियन पॉइंट-1’ पर स्थित कोई उपग्रह अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण ग्रहण अथवा ऐसी ही किसी अन्य बाधा के बावजूद सूर्य को लगातार देखने में सक्षम होता है।
उद्देश्य:
- आदित्य L1 सूर्य के कोरोना, सूर्य के प्रकाश मंडल, क्रोमोस्फीयर, सौर उत्सर्जन, सौर तूफानों और सौर प्रज्वाल (Solar Flare) तथा कोरोनल मास इजेक्शन (CME) का अध्ययन करेगा और पूरे समय सूर्य की इमेजिंग करेगा।
महत्व:
- यह कोरोना के तापमान, वेग और घनत्व के
- अध्ययन करने में मदद करेगा और कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र के मापन एवं कोरोनल मास इजेक्शन के विकास और उत्पत्ति के अध्ययन में भी मदद करेगा।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
इसरो
- संस्थापक: विक्रम साराभाई
- मुख्यालय: बेंगलुरू, कर्नाटक
- वर्तमान अध्यक्ष: श्री एस. सोमनाथ
सूर्य
ब्रम्हांड का केंद्र
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में 8 मिनट 16.6 सेकेण्ड का समय लगता है।
- सूर्य के अध्ययन के लिए अन्य मिशन:
- पार्कर सोलर प्रोब(NASA)
- हेलियोस 2 सोलर प्रोब(NASA,ESA)
- सोलर ऑर्बिटर(NASA,ESA)