कावेरी जल विवाद
 
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कावेरी जल विवाद

Sun 20 Aug, 2023

सामाचार में क्यों?

  • हाल ही में,कावेरी जल के लिए तमिलनाडु ने कर्नाटक द्वारा अपने जलाशय के जल से 24,000 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) का प्रवाह सुनिश्चित करने में हस्तक्षेप के लिये भारत के सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है।

परीक्षा उपयोगी तथ्य

  • इसे तमिल में 'पोन्नी' कहा जाता है और यह दक्षिण भारत की एक पवित्र नदी है।
  • यह दक्षिण-पश्चिमी कर्नाटक राज्य के पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरि पहाड़ी से निकलती है, कर्नाटक तथा तमिलनाडु राज्यों से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बहते हुए बड़े झरनों के रूप में पूर्वी घाट से उतरकर पुद्दुचेरी के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  • बाएँ तट की सहायक नदियाँ: अर्कावती, हेमावती, शिमसा और हरंगी।
  • दाहिने किनारे की सहायक नदियाँ: लक्ष्मणतीर्थ, सुवर्णवती, नोयिल, भवानी, काबिनी और अमरावती।
  • कावेरी नदी कर्नाटक से निकलती है, केरल से आने वाली प्रमुख सहायक नदियों के साथ तमिलनाडु से होकर बहती है तथा पुद्दुचेरी के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में गिरती है, इस विवाद में 3 राज्य और एक केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं।
  • यह विवाद 150 वर्ष पुरान है, यह वर्ष 1892 और 1924 में तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी तथा मैसूर के बीच मध्यस्थता के दो समझौतों से संबंधित है।
  • इसमें निहित है कि किसी भी निर्माण परियोजना, जैसे कावेरी नदी पर जलाशय का निर्माण, के लिये ऊपरी तटवर्ती राज्य को निचले तटवर्ती राज्य की अनुमति लेना अनिवार्य है।
  • कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद 1974 में शुरू हुआ जब कर्नाटक ने तमिलनाडु की सहमति के बिना पानी मोड़ना शुरू कर दिया था।

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