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लसीका फाइलेरिया

Mon 14 Aug, 2023

सामाचार में क्यों?

  • हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लसीका फाइलेरिया  के लिये वार्षिक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया।

परीक्षा उपयोगी तथ्य

  • भारत का लक्ष्य एक मिशन-संचालित रणनीति के माध्यम से वैश्विक लक्ष्य से तीन वर्ष पहले वर्ष 2027 तक लसीका फाइलेरिया का उन्मूलन करना है।
  • लसीका फाइलेरिया, जिसे आमतौर पर हाथीपाँव रोग (एलिफेंटियासिस) के रूप में जाना जाता है।
  • परजीवी संक्रमण के कारण होने वाला एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।
  • यह रोग विश्व के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लाखों व्यक्तियों को प्रभावित करता है।
  • लसीका फाइलेरिया, फिलारियोडिडिया परिवार के नेमाटोड (राउंडवॉर्म) के रूप में वर्गीकृत परजीवियों के संक्रमण के कारण होता है।
  • लसीका फाइलेरिया संक्रमण में स्पर्शोन्मुख, तीव्र तथा गंभीर स्थितियाँ शामिल होती हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लसीका फाइलेरिया के वैश्विक उन्मूलन में तीव्रता लाने के लिये उपचार कर लिये तीन दवाओं की सिफारिश करता है। 
  • उपचार, जिसे IDA के रूप में जाना जाता है, में आइवरमेक्टिन, डायथाइलकार्बामाज़िन साइट्रेट तथा एल्बेंडाज़ोल का संयोजन शामिल है।
  • हाथीपाँव रोग के उन्मूलन हेतु WHO का वैश्विक कार्यक्रमइस बीमारी को खत्म करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2000 में शुरू किया गया था।

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