28 April, 2025
लसीका फाइलेरिया
Mon 14 Aug, 2023
सामाचार में क्यों?
- हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लसीका फाइलेरिया के लिये वार्षिक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया।
परीक्षा उपयोगी तथ्य
- भारत का लक्ष्य एक मिशन-संचालित रणनीति के माध्यम से वैश्विक लक्ष्य से तीन वर्ष पहले वर्ष 2027 तक लसीका फाइलेरिया का उन्मूलन करना है।
- लसीका फाइलेरिया, जिसे आमतौर पर हाथीपाँव रोग (एलिफेंटियासिस) के रूप में जाना जाता है।
- परजीवी संक्रमण के कारण होने वाला एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।
- यह रोग विश्व के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लाखों व्यक्तियों को प्रभावित करता है।
- लसीका फाइलेरिया, फिलारियोडिडिया परिवार के नेमाटोड (राउंडवॉर्म) के रूप में वर्गीकृत परजीवियों के संक्रमण के कारण होता है।
- लसीका फाइलेरिया संक्रमण में स्पर्शोन्मुख, तीव्र तथा गंभीर स्थितियाँ शामिल होती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लसीका फाइलेरिया के वैश्विक उन्मूलन में तीव्रता लाने के लिये उपचार कर लिये तीन दवाओं की सिफारिश करता है।
- उपचार, जिसे IDA के रूप में जाना जाता है, में आइवरमेक्टिन, डायथाइलकार्बामाज़िन साइट्रेट तथा एल्बेंडाज़ोल का संयोजन शामिल है।
- हाथीपाँव रोग के उन्मूलन हेतु WHO का वैश्विक कार्यक्रमइस बीमारी को खत्म करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2000 में शुरू किया गया था।